इस आर्टिकल में मैं उस लड़की की बात करने जा रही हुं जिसने देश के लिए 5 स्वर्ण पदक जीते हैं और वो भी महज 19 दिनों में और तब उनकी उम्र महज 18 साल थी।इतनी कम उम्र में ही उन्होंने देश को 5 स्वर्ण पदक दिए।उनको धींग एक्सप्रेस और गोल्डन गर्ल के नाम से भी जाना जाता है,फर्राटेदार धाविका जिनका नाम हे हिमा दास।
वैयक्तिक जानकारी(Personal life)
हिमा दास का जन्म 9 जानेवारी 2000 में कांगलुमारी गांव में हुआ।यह गांव आसम राज्य के नागांव जिले में है।उनके माता-पिता के पांच संतानों में से वो सबसे छोटी लड़की है।उनके माता का नाम जोनल दास और पिता का नाम रणजीत दास है।उनके फैमिली में कुल 17 सदस्य है। हिमा दास के पिता धान की खेती करते हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई धिंग पब्लिक हाय स्कुल में पुरी की ।स्कुल में वो लड़कों के साथ फुटबॉल खेला करती थी।उनको फुटबॉल में बहोत ही दिलचस्पी थी ।स्कुल के शारिरीक शिक्षण शिक्षक से सलाह लेने के बाद उसने दौड़ना सुरू किया।शमशुल हक(शारिरीक शिक्षण शिक्षक) ने हिमा दास की पहचान नागांव स्पोर्टस असोसिएशन के गौरी शंकर राय से कराई।फिर वो जिल्हास्तरीय स्पर्धा में चयनित हुई,ओर उन्होंने 2 स्वर्ण पदक भी जीते। स्पोर्ट्स अण्ड युथ वेलफेयर के निप्पोन दास की नजर हिमा दास पर पड़ी,तब उन्होंने देखा की उसके जुते की हालत अच्छी नहीं थी,फिर भी उसने 200m की दौड़ पुरी करके स्वर्ण पदक हासिल किया।तब हिमा दास को गुवाहाटी भेजने के लिए उन्होंने उनके घरवालों से बात की। गुवाहाटी उनके गांव से 140 km था।पहले तो उनके माता-पिता ने मना किया फिर बाद में निप्पोन दास जी ने उन्हें मना ही लिया।उनके पिता जी ने ये सोचकर उन्हें जाने दिया की उनको वहां 3 टाईम का खाना मिलेगा।
गुवाहाटी में आने के बाद उनके निप्पोन सर ने उन्हें स्पोर्ट्स क्लब के पास ही में रुम करके दी ताकि उनको आने जाने के लिए तकलीफ ना हो।बाद में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई। 2 महीने के बाद युथ नेशनल हैदराबाद में हिमा दास का इंडियन जर्सी पहने का सपना पुरा हुआ।
राष्ट्रीयता- भारतीय
कोच- निप्पोन दास, नबजीत मालाकार, गैलिना बुखारीना
हिमा दासजीं के अवार्ड (Awards and Achivements)
हिमा दासजी, खेल क्षेश्र् में सबसे बड़ा राजीव गांधी पुरस्कार पाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं।18 साल की उम्र में 2018 में फिनलैंड में अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली देश की पहली ट्रैक एथलीट बनी थी।
ओलम्पिक खेलों मे उन्होंने 400m में सिल्वर,चार गुणा 400m रीलें, मिश्रित चार गुणा 400m महीला में स्वर्ण पदक जीता है। इसलिए उन्हें 25 डिसेंबर 2018 में राष्ट्रपति के व्दारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।युनिसेफ-इंडीया द्वारा भारत के पहले युवा राजदूत 2018 में उन्हें नियुक्त किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पे स्वर्ण पदक जितने वाली असम से हिमा दास दुसरी एथलीट है।
ॲले इंडिया फॅमीना,फोर्ब्स मैक्सीन के कवर पेज पर चमक ने वाली लड़की है। यह वो मैक्सीन है जहां सुंदरता के मानक तय है। हिमा दास ने अपने हुनर के दौर पर उन मानकों को चुनौती दी और अपनी जगह हासिल की।
करिअर(Career)
अप्रैल 2018 में हिमा दास ने गोल्ड कोस्ट में खेले गए कॉमनवेल्थ खेलों की 400m की स्पर्धा में हिस्सा लिया।उसमें उन्होंने 51.32sec में दौड़ पुरी करके छठवां स्थान प्राप्त किया। 4*400m स्पर्धा में उन्होंने सातवां स्थान प्राप्त किया। उन्होंने गुवाहाटी में अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक भी जीता था। इसके अलावा 18 वे 2018 एशियाई खेल जकार्ता में हिमा दास ने राष्ट्रीय रेकाॅड तोड़कर रजत पदक जीता है।
2 जुलाई 2019 को पोजनान एथलेटिक्स grand Prix में 200m रेस 23.65sec में पुरी कर पहला स्वर्ण पदक जीता था।
7 जुलाई 2019 को पोलैंड में कुटनो एथिलिटिक्स मीट में 200m के रेस को 23.97sec में पुरा करके दुसरा स्वर्ण पदक जीता था।
13 जुलाई 2019 को चेक रिपब्लिक में सूती क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स में महिला 200m की रेस में उन्होंने 23.43sec में पुरा करके तिसरा स्वर्ण पदक हासिल किया था।
17 जुलाई 2019 को चेक रिपब्लिक में आयोजित ताबोर एथलेटिक्स मीट में हिमा दास ने 200m की रेस को 23.25sec में पुरा कर चौथा स्वर्ण पदक जीता था। 17 जुलाई 2019 को असम बाढ़ आई तब हिमा दास ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना आधा वेतन दान किया और बड़े व्यक्तियों और बड़ी कंपनियों को ट्वीट करके मदद करने की अपील की।
20 जुलाई 2019 को चेक गणराज्य में 400m की दौड़ स्पर्धा मे समय 52.09sec में पूरी कर स्वर्ण पदक हासिल कीया।
इसी तरह 19 दिनों में 5 स्वर्ण पदक जीते।
हालही में एक समारोह में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने हिमा को नियुक्ति पत्र सोपा|हिमा दास को 26 फ़रवरी 2021 को असम पुलिस में उप अधीक्षक (DSP) बनाया गया |
ब्रांड ॲम्बासडोर (Brand ambassador)
आदी दास कंपनी के MD नए एथलीट खिलाड़ियों को शिखर पर पहुंचाने में सक्षम बनाती है। सितंबर 2018 में आदिदास कंपनी ओर हिमा दास के बीच डील हुयी थी।अब वह आदिदास कंपनी की ब्रांड ॲम्बासडोर भी है। हिमा दास की स्पोटस कीट भी आदिदास कंपनी की है।
हिमा दास गॅटोरेड कंपनी की भी ब्रांड ॲम्बासडोर है।
असम की सरकार ने उन्हें राज्य के स्पोर्ट के ब्रांड ॲम्बासडोर घोषित किया।
Conclusion
हिमा दास छोटे से गांव से आयी थी,तब उनके पास 350 rs थे परन्तु उनके सपने बहोत बड़े थे और उसे हासिल करने के लिए उनके अंदर जो आत्मविश्वास,लगन,जिद है उने हमें अपने अंदर जगाना चाहिए। हमें उम्मीद है की आनेवाली 2021 में आलम्पिक खेलों में भारत के लिए पदक जीतेंगी।अगर आपने भी कुछ बड़ा सोचा होगा,तो उसपर विश्वास करो ,और उसे पुरा करने के लिए जी जहान लगा दो।
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जवाब देंहटाएंNice blog 👌
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